Traffic Accounts

यातायात लेखा

  • यातायात आय को तीन भागों में बांटा जा सकता है:-
    • कोचिंग आय - यात्री गाड़ियों से प्राप्त होने वाली आय (सार X)
    • माल आय - माल गाड़ियों से प्राप्त होने वाली आय (सार Y)
    • विविध - उपरोक्त दोनों अतिरिक्त प्राप्त होने वाली आय (सार Z)
  • किसी रेलवे के संपूर्ण यातायात आमदनी जो चाहे वह स्टेशन पर उपार्जित हुई हो या अन्य स्थान पर को उचित लेखा शीर्ष अर्थात कोचिंग(X), माल(Y) और विविध(Z) में एकत्रित करने के लिए यातायात लेखा कार्यालय में एक बही संपादित की जाती है जिसे यातायात बही(Traffic Book) कहते हैं।
  • यातायात बही कोचिंग और माल के लिए अलग-अलग तैयार किया जाता है।
  • यातायात बही को चार भागों में बांटा जाता है।
    1. भाग 'क' - स्टेशन लेखा
    2. भाग 'ख' - समायोजन अथवा विभाजन पत्र (Adjustment or Division Sheets)
    3. भाग 'ग' - अपनी रेलवे का खाता लेखा(Ledger a/c of Home Rly)
    4. भाग 'घ' - आमदनी का सार और शेष विवरणी(Abstract of Earnings & statement of balance sheet )
  • वह सारी आय जो कि स्टेशनों पर उपचित हुई है और जिसकी वसूली के लिए क्षेत्रीय रेलवे(Home Railway) जिम्मेदार होती है उसका संकलन यातायात बही के भाग 'क' में किया जाता है।
  • रेलवे स्टेशन तुलनपत्र में चालू मास की स्थानीय और सीधे दोनों प्रकार की आमदनी को नामे पार्श्व(Debit Side) और आय की वसूली को जमा पार्श्व(Credit Side) दर्ज किया जाता है।
  • स्टेशन तुलनपत्र का शेष यह बताता है की अभी इतनी आय की प्राप्ति/वसूली नहीं हुई है जिसे 'इति शेष(Closing Balance)' से के रूप में दर्ज किया जाता है जो कि अगले माह का अथ शेष (Opening Balance) है।
  • स्टेशन आंकड़ों की प्रविष्टियों में हुई अशुद्धियों का शुद्धीकरण मूल प्रविष्टियों को बदलने के बजाय अलग से एक पूरक यातायात बही 'क' द्वारा जिसे समायोजन तुलनपत्र कहते हैं बनाकर किया जाता है।
  • यातायात बही का वह भाग जिसमें अपनी रेलवे, अन्य रेलों तथा डिपाजिट प्राइवेट कंपनियों (आउट/सिटी बुकिंग एजेंसी सहित) के बीच अदले-बदले संपूर्ण सीधे(इतर) यातायात के प्रभाजन(विभाजन) के परिणामों का लेखा किया जाता है वह भाग 'ख' कहलात है।
  • भाग 'क' और भाग 'ख' पूरा हो जाने के बाद यातायात बही रकमों को भाग 'ग' में अंतरित(Transfer) किया जाता है।
  • अपनी रेल के यातायात अर्जनों(आमदनी) का लेखा यातायात बही के भाग 'ग' में किया जाता है।
  • यातायात बही का वह भाग जो  लेजर खाता(खाता बही) का कार्य करता है वह भाग 'ग'  है।
  • भाग 'ग' में तीन प्रकार के लेखा शीर्ष प्रचालित किये जाते हैं:-
    1. यातायात लेखा
    2. इतर रेलवे लेखा(Foreign Railway Accounts)
    3. डिपाजिट प्राइवेट कंपनी लेखा
  • प्रत्येक माह की आय का लेखा उसके संबंधित महीने में लाने के लिए और उसकी वसूली की प्रगति को ध्यान में रखने के लिए परिचालित उचंत लेखा शीर्ष,  यातायात लेखा / यातायात उचंत कहलाता है।
  • यातायात उचंत का शेष ऐसे आय को प्रदर्शित करता है जो उपार्जित हो चुकी है किंतु महीने के अंत तक उनकी वसूली या समायोजन नहीं हुआ है।
  • समस्त यातायात आय के लेन-देनों के बंटवारे का ब्यौरा रखने हेतु जो कि अन्य रेलवे के साथ होता है और जिन का हिसाब-किताब सरकारी खजानो के साथ होता है के लिए इतर/अन्य रेलवे लेखा शीर्ष परिचालित किया जाता है।
  • चालू लेखा(Account Current) और अंतरण प्रमाण-पत्र को तैयार करने में सहायता करने वाला लेखा शीर्ष इतर रेलवे लेखा शीर्ष है।
  • इतर रेलवे लेखा शीर्ष का शेष हमें बताता है कि इतनी यातायात लेन-देन जो कि अन्य रेलवे के साथ हुई है उनका समंजन किया जाना अभी बाकी है।
  • यातायात की आय के उन लेन-देनों के प्रभाजन का लेखा जिसमें किया जाता है जो की विभिन्न कंपनियों के साथ किए गए हैं और उनका लेन-देन सरकारी खजानों के साथ नहीं होता परंतु जिनके साथ यातायात की स्वीकृति सक्षम अधिकारी ने दे दी होती है वह जमा प्राइवेट कंपनी का लेखा कहलाता है।
  • जमा प्राइवेट कंपनी का लेखा, अपनी ही रेल की पुस्तकों में जमा प्राइवेट कंपनियों का खाता लेखा होता है।
  • यातायात बही का वह भाग जिसमें एक मासिक जनरल प्रविष्टि (यातायात अर्जनों से) बनाई जाती है जो यातायात की विभिन्न प्रकार की आय को सामान्य पुस्तक में सम्मिलित करने के काम आती है वह भाग 'घ' कहलाती है।


  • यातायात उचंत के चार भागों में वर्गीकृत किया जाता है जो कि निम्न है:-
    1. स्टेशन बकाया
    2. लेखा कार्यालय तुलन पत्र बकाया
    3. मार्गस्थ रोकड़
    4. विविध
  • स्टेशन पर ऐसी आमदनी जो उपार्जित तो हो चुकी है किंतु महीने के अंत तक उसकी वसूली यह समायोजन नहीं की जा सकी है उसे स्टेशन बकाया कहते हैं।
  • नगदी वाउचर पर वसूली करने तथा यातायात लेखा कार्यालय को सीधे प्राप्त आय को लिखा करने के उद्देश्य से लेखा कार्यालय तुलन पत्र तैयार किया जाता है। इस तुलनपत्र के नामे पक्ष में अंतिम शेष को ही लेखा कार्यालय तुलनपत्र बकाया कहलाता है।
  • वह रोकड़ जिसकी लेखा स्टेशन तुलनपत्र में जिस माह की गयी होती है लेकिन लेखा रोकड़ बही में अगले माह की गई है मार्गस्थ रोकड़ कहलाती है।
  • विविध के अंतर्गत बकाए प्रायर वचनों की प्राप्ति की अपेक्षा अधिक से आते हैं जो समान तक कम रकम के होते हैं। इसके लिए स्थिति के अनुसार समुचित कार्यवाही की जाती है।

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