Workshop Accounts

कार्यशाला लेखा

  • वर्कशॉप के सभी खर्च का विभिन्न कार्यों में उचित आवंटन सुनिश्चित करने के लिए उचंत लेखा शीर्ष जिसे वर्कशॉप विनिर्माण उचंत (Workshop Manufacturing Suspence) कहते हैं प्रचालित किया जाता है।
  • कारखाना विनिर्माण उचंत(WMS) लेखे में शेष उस रकम को दर्शाता है जो कि उन कार्यों पर मजदूरी, भंडार आदि पर खर्च की गई है जो अभी चालू है या समाप्त हो चुके हैं परंतु उनका वित्तीय समायोजन/वसूली शेष है और वर्कशॉप अधिव्यय कार्यादेश के अन्तर्गत अवप्रभार/अधिप्रभार होने के कारण और राजस्व अन्तिम शीर्ष को समायोजन की अपेक्षा में अभी शेष है।
  • कारखाने में किसी कार्य को करने हेतु सक्ष्म अधिकारी द्वारा दिये गये आदेश को कार्य आदेश(Work Order) कहते हैं।
  • कार्य आदेश दो प्रकार के होते हैं:-
    1. जॉब कार्य आदेश:-यह कार्य आदेश उस समय तक निरंतर माना जाता है जब तक उसमें प्रस्तावित कार्य पूरा नहीं होता और उसमें प्रस्तावित कार्य पूरा होने के पश्चात अपने आप बंद माना जाता है जैसे कल पुर्जों का निर्माण के लिए जारी कार्य आदेश आदि
    2. स्थाई कार्य आदेश:-वैसे कार्य आदेश जिनके जारी करने के बाद बिना बंद किए हमेशा के लिए निरंतर रूप से उन पर कार्य संपन्न किया जा सकता है जब तक ऐसे कार्य आदेश बंद करने के लिए अलग से आदेश जारी नहीं किए जाते हैं तब तक ऐसे कार्य आदेशों पर निरंतर कार्य संपन्न होता रहता है जैसे मरम्मत एवं अनुरक्षण के कार्य के लिए जारी कार्य आदेश आदि।
    3. स्थाई कार्य आदेश निम्न प्रकार के होते हैं:-
      • राजस्व के स्थाई कार्य आदेश
      • अप्रत्यक्ष लागत/ऊपरी लागत स्थाई कार्य आदेश
      • विनिर्माण के लिए स्थाई कार्य आदेश
      • पुर्जे निर्माण हेतु स्थाई कार्य आदेश
      • सामूहिक कार्य आदेश
      • अंतर्विभागीय एवं अंतर्मंन्डलीय कार्य आदेश
  • रेल कार्यशाला में जारी सब कार्य-आदेशों पर खर्च व उसके समायोजन को सुनिश्चित करने के लिए रजिस्टर रखा जाता है जिसे कार्यशाला सामान्य रजिस्टर(Workshop General Register) कहते है।
  • कारखाने सामान्य रजिस्टर(WGR) की समीक्षा के बाद इसकी सहायता से कारखाना उत्पादन विवरणी(Workshop Out turn Statement) बनाई जाती है जिसके दो भाग होते हैं।
  • कारखाना उत्पादन विवरणी(Workshop Out turn Statement) का प्रथम भाग में वह कार्य आदेश आते हैं जो उस माह पूरे हो गए हैं और उनका समायोजन भी उसी माह खाते में होना है।
  • कारखाना उत्पादन विवरणी(Workshop Out turn Statement) का  भाग - ।। में वे कार्य आदेश आते हैं जिन पर कार्य अभी चालू है अथवा पूरे तो हो गए हैं लेकिन संबंधित पार्टियों की स्वीकृति के इंतजार में समायोजन शेष है।
  • कारखाने में काम करने वाले श्रमिकों के समय का निर्धारण 'समय कार्यालय संगठन' द्वारा भारतीय कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों के तहत किया जाता है।
  • भारतीय कारखाना अधिनियम 1948 के तहत श्रमिकों के लिए सप्ताहिक काम का समय अधिकतम 48 घंटे निर्धारित की गई है।
  • भारतीय कारखाना अधिनियम 1948 के तहत श्रमिकों के लिए किसी भी दिन काम का समय अधिकतम 101/2 घंटे निर्धारित की गई है।
  • श्रमिकों की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति गेट उपस्थिति कार्ड(Gate Attendence Card) के माध्यम से दर्ज की जाती है।
  • कारखाने में श्रमिकों के उपस्थिति और अनुपस्थिति का विवरण समय कार्यालय(Time Office) द्वारा बनाया जाता है।
  • शॉप में श्रमिकों की उपस्थिति और अनुपस्थिति का विवरण चार्जमैन के द्वारा बनाया जाता है।
  • कारखाने में किए गए व्यय को दो भागों में बांटा जा सकता है:-
    • प्रारंभिक लागत
    • ऊपरी लागत
  • भंडार व श्रमिक व्यय को प्रत्यक्ष खर्च अथवा सीधी लागत अथवा प्रारंभिक लागत कहते हैं।
  • कारखाने में प्रत्येक कार्य पर किए जाने वाले वैसे व्यय जिन्हें किसी एक कार्य पर लागू नहीं किया जा सकता वैसे अप्रत्यक्ष व्यय को ऊपरी लागत अथवा ऊपरी व्यय कहते हैं।
  • रेल कारखाने में ऊपरी लागत(OnCost Expenditure) व्यय को तीन भागों में बांटा गया है:-
    1. शॉप ऊपरी लागत(Shop on Cost)
    2. सामान्य ऊपरी लागत(General on Cost)
    3. प्रोफार्मा ऊपरी लागत(Proforma on Cost)
  • वैसे व्यय जिनका संबंध किसी विशेष शॉप से तो है पर वह किसी कार्य विशेष से संबंधित नहीं है, शॉप ऊपरी लागत(Shop on Cost) कहलाता है।
  • वैसे व्यय जो किसी शॉप विशेष से संबंधित न होकर पुरे कारखाने के सभी शॉप के लिए समग्र रूप से किए जाते हैं उसे सामान्य ऊपरी लागत(General on Cost) कहते है।
  • वे प्रशासनिक व्यय जिन्हें रेलवे के किए गए कार्यों में शामिल नहीं किया जाता किंतु वस्तु के वाणिज्यिक मूल्यांकन हेतु शामिल किया जाना आवश्यक है उसे प्रोफॉर्मा ऊपरी लागत(Proforma on Cost) कहते हैं।
  • प्रोफॉर्मा अधिव्यय(Proforma on Cost) के योग से कार्यशाला विनिर्माण उचंत(WMS) को नामें(Debit) एवं सार 'Z' को जमा(Credit) किया जाता है।
  • प्रोत्साहन योजना/पद्धति(Incentive System) सर्वप्रथम चितरंजन इंजन कारखाने(CLW) में दिसंबर 1954 में चालू की गई थी।
  • वैसा विलंब समय जो कार्यशाला में सेवा या संयत्र के व्यवधान(Break Down) के कारण अथवा अन्य किसी कारण से रुकावट और विलंब से उत्पन्न होता है जिसके लिए किसी कामगार को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता वैसे समय को निष्क्रिय समय(Idle Time) कहलाता है।
  • जब तक कि संबंधित कार्य के लिए रूट कार्ड(Rout Card) प्राप्त नहीं होता तब तक शॉपों द्वारा उस कार्य पर कोई व्यय नहीं किया जाता है।

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