विविध(व्यय)
- रेल लाइन के किनारे रहने वाले लोगों के सुविधा हेतु रेल प्रशासन द्वारा किया जाने वाला कार्य को निर्वाह कार्य (Accommodation Works) कहलाता है।
- रेलवे द्वारा दूसरे सरकारी विभागों, नगरपालिकाओं तथा अन्य स्थानीय निकायों और प्राइवेट फर्मो एवं व्यक्तियों के लिए निष्पादित किया जाने वाला कार्य को निक्षेप निर्माण कार्य(Deposit Works) कहते हैं।
- निक्षेप निर्माण कार्य के लिए विभागीय प्रभार 12.5% लिया जाता है।
- ब्लाॅक लेखा में विकास निधि, मूल्य ह्रास आरक्षण निधि, पूंजी निधि, चालू लाइन के कार्यो के राजस्व(OLWR) द्वारा उत्पन्न भौतिक संपत्ति के मूल्य तथा वित्तीय विनियोजन के बिना स्थानान्तरित संपत्ति के मूल्य का संयुक्त रूप से प्रतिनिधित्व करता है या दूसरे शब्दों में इसमें सभी स्रोतों से प्राप्त परिसंपत्तियों का मूल्य दिखाया जाता है।
- वह तालिका जिसे प्रत्येक मंडल एवं मुख्यालय में मुख्य अभियंता के आदेशानुसार रखा जाता है जिसमें किसी कार्य के विभिन्न मदों के लिए स्वीकृत दर या कीमत दी होती है एवं जिस दर पर संपूर्ण रेलवे में साधारण तौर पर कार्य किया जाता है उसे दरों की तालिका (Schedule of Rates) हैं।
- विभिन्न क्षेत्रों, मंडलों, उपमंडलओ में विभिन्न प्रकार के भवनों की निर्माण की लागत को जिस सांख्यिकी द्वारा दर्शाया जाता है उसे भवन लागत सूचक(Building Cost Index) कहते हैं।
- प्रति ₹100 कुल आय पर होने वाला संचालन व्यय(मूल्य ह्रास निधि तथा पेंशन निधि के अंशदान सहित) को परिचालन अनुपात (Operating Ratio) कहते हैं।
- किसी उद्यम के परिचालन की वित्तीय कार्यकुशलता उसके परिचालन अनुपात से देखी जाती है।
- वह सामग्री जो किसी विशिष्ट कार्य के लिए लायी जाती है या वह सामग्री जो किसी विशिष्ट कार्य से बच जाती है, जब तक वह कार्यकारी अधिकारी के पास रहती है कार्य स्थलीय सामग्री(Material at Site) कहलाती है।
- कारखाने, मिल, कोयला खान या अन्य औद्योगिक संस्थान की सहायता के लिए बनाएं जाने वाली रेलवे लाइन साइडिंग(Siding) कहलाती है।
- यदि साइडिंग की कीमत रेलवे के द्वारा शेयर की जाती है तो वह इमदादी साइडिंग(Assisted Siding) कहलाती है।
- यदि साइडिंग की सारी कीमत प्रार्थी के द्वारा खर्च की जाती है तो वह प्राइवेट साइडिंग(Private Siding) कहलाती है।
- सभी स्वीकृत कार्यों तथा उन कार्यों के लिए जो चालू लाइन कार्य या निर्माण कार्यों को प्रभारित किया जा सकता है, उनपर जो व्यय किया जाता है उससे संबंधित अभिलेख जिस रजिस्टर में रखा जाता है उसे निर्माण कार्य रजिस्टर(Works Register) कहते हैं।
- निर्माण कार्य रजिस्टर निर्माण कार्यों के मामले में दो सेट और चालू लाइन कार्य के लिए एक सेट में तैयार किया जाता है।
- निर्माण कार्य रजिस्टर और नपाई पुस्तिका 10 वर्षों तक सुरक्षित रखी जाती है।
- वह रजिस्टर जो की यह बतलाता है कि किसी दी हुई तिथि को प्रत्येक कार्य पर कितनी देयताओं का भुगतान नहीं किया गया है अर्थात जो बाकी है उसे देयता रजिस्टर(Liability Register) कहलाता है।
- एक एजेंट ठेकेदार द्वारा संचालित किसी रेलवे स्टेशन द्वारा सेवित टाउन या क्षेत्र में खोला गया टिकट बुकिंग ऑफिस सिटी बुकिंग एजेंसी कहलाता है।
- तत्कालिक प्रमाण पत्र(Urgency Certificate) एक रिपोर्ट है जिसे एक कार्यपालक इंजीनियर सक्ष्म अधिकारी से प्राक्कलन पर स्वीकृति प्राप्त होने तथा निधि के आवंटन के बिना वैसे निर्माण कार्य को प्रारंभ करता है जिसे नहीं किए जाने से जान माल के हानि हो सकती है अथवा यातायात को चालू रखने के लिए आवश्यक हो।
- वह खर्च जो की लेखा कार्यालय की दृष्टि में तकनीकी रूप में किसी अपत्ति के योग्य है या अनियमित है पर जिसको सक्ष्म स्वीकृति अथवा वांछित दस्तावेज या सूचना को बाद में प्रेषित कर नियमित करने की अपेक्षा में पारित कर दिया जाता है अथवा आंतरिक जांच में स्वीकार कर लिया जाता है वैसे खर्च को आपत्तिजनक खर्च कहते हैं।
- भारतीय रेलवे द्वारा मैनुअल भुगतान के स्थान पर ऑनलाइन भुगतान सुनिश्चित करने के लिए CIPS सिस्टम की शुरुआत की गई है।
- CIPS का नोडल हेड उत्तर रेलवे है।
- CIPS को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सर्वप्रथम COFMOW में संचालित किया गया।
- भारतीय रेलवे में लेटर ऑफ क्रेडिट की शुरुआत 01-04-2018 से हुई।
- EBR-IF कैपिटल नेचर का फंड है जिसका प्रावधान 2015-16 में किया गया था।
- EBR-IF को फंडिंग देने वाला एकमात्र स्रोत LIC है जो कि IRFC द्वारा जारी बॉन्ड के आधार पर पूंजी उपलब्ध कराती है।
- भारतीय रेलवे द्वारा ई टेंडर हेतु IREPS(Indian Railway E-Procurment System) का उपयोग किया जाता।
- IREPS क्रिस द्वारा बनाया गया।
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