Survey

सर्वेक्षण

  • किसी परियोजना का निर्माण न्यायोचित है या नही इसका निर्णय लेने के लिए कि गयी शुरुआती जांच पड़ताल को सर्वेक्षण कहते है।
  • सर्वेक्षण मुख्यतः दो प्रकार के होते है :-
    1. (a) यातायात सर्वेक्षण (Traffic Survey)
      (b) इंजीनियरिंग सर्वेक्षण (Engineering Survey)
  • किसी क्षेत्र या खंड के विस्तृत अध्ययन के लिए किया जाने वाला सर्वेक्षण यातायात सर्वेक्षण कहलाता हैैैै।
  • यह सर्वेक्षण स्वतंत्र या टोह सर्वेक्षण एवं प्रारंभिक अभियांत्रिकी सर्वेक्षण के साथ भी किया का सकता है।
  • इंजीनियरिंग सर्वेक्षण को तीन भागों में बांटा जा सकता हैः-
    1. टोह सर्वेक्षण (Reconnaissance Survey)
    2. प्रारंभिक सर्वेक्षण (Preliminary Survey)
    3. अन्तिम मार्ग निर्धारण सर्वेक्षण(Final Location Survey)
  • किसी भी क्षेत्र के ऐसे सभी स्थूल (rapid) तथा द्रुत (rough) अन्वेषण पर जो किसी परियोजित लाइन के एक अथवा अधिक मार्ग की तकनीकी व्यावहारिकता एवं स्थूल लागत (लगभग लागत) मालूम करने के लिए किया जाने वाला सर्वेक्षण टोह सर्वेक्षण कहलाता है।
  • वह सर्वेक्षण जिसमें उस मार्ग अथवा उन वैकल्पिक मार्गो कि विस्तृत उपकरणीय-जांच की जाती है जो टोह सर्वेक्षण के परिणाम स्वरूप चुने गए थे ऐसा सर्वेक्षण प्रारंभिक सर्वेक्षण कहलाता है।
  • प्रारंभिक सर्वेक्षण एक महत्वपूर्ण सर्वेक्षण है क्योंकि यातायात सर्वेक्षण के साथ इस सर्वेक्षण पर विचार करने से यह परिणाम निकाला जाता है कि लाइन बनाईं जाय या नहीं। से
  • किसी परियोजना के निर्माण के फैसला लेने के बाद किया जाने वाला सर्वेक्षण अन्तिम मार्ग निर्धारण सर्वेक्षण कहलाता हैं।
  • किस परियोजना का निर्माण प्राक्कलन(Construction Estimate), अन्तिम मार्ग निर्धारण सर्वेक्षण के आधार पर बनाया जाता है।
  • प्रारंभिक सर्वेक्षण और अन्तिम मार्ग निर्धारण सर्वेक्षण में मुख्य अंतर यह है कि प्रारंभिक सर्वेक्षण में संरेखण के खुंटे लगाने के लिए थियोडोलाइट कि आवश्यकता नहीं होती है(अर्थात खूंटे नहीं गाड़े जाते है) जबकि अन्तिम मार्ग निर्धारण सर्वेक्षण में चुने गए संरेखण में जमीन पर थियोडोलाइट से पूरी तरह खूंटे गाड़ दिए जाते है।
  • यातायात के सर्वे के आंकड़ों की प्राप्त वास्तविक आंकड़ों से तुलना की जाती है जिसे उत्पादकता जांच(productivity test) कहते हैं।
  • रेलवे भूमि का वर्गीकरण स्थाई और अस्थाई भूमि में किया जाता है।
  • रेल के भूमि प्राक्कलन फॉर्म नंबर 910E में बनाए जाते हैं।
  • RLDA (Rail Land Development Authority) का गठन नवंबर 2006 में रेलवे के पास अतिरिक्त जमीन का सुचारू ढंग से क्रियान्वित करने के लिए किया गया।

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