Establishment
स्थापना
- रेलवे पास सात प्रकार के होते है।
- मुख्यालय से बाहर ड्यूटी के लिए ड्यूटी पास जारी किया जाता है।
- सुविधा टिकट आदेश(PTO) में मुल किराया का एक- तिहाई भुुगतान करना है।
- राजपत्रित अधिकारियों को चार सेट PTO और छह सेट सुविधा पास देय है।
- अराजपत्रित कर्मचारी को पांच साल की सेवा तक एक सेट सुविधा पास तथा 4 सेट PTO देय है।
- पांच साल की सेवा के बाद अराजपत्रित कर्मचारी को तीन सेट सुविधा पास तथा चार सेट PTO देय है।
- प्रथम श्रेणी ए पास का रंग- सफेद
- प्रथम श्रेणी पास का रंग - हरा
- द्वितीय श्रेणी ए पास का रंग - पीला
- द्वितीय श्रेणी पास का रंग- गुलाबी
- ग्रुप ए और बी कर्मचारी को जारी पास - प्रथम श्रेणी ए पास
- लेवल 1 से लेवल 4 तक के कर्मचारी को जारी पास- एक सेट द्वितीय श्रेणी ए पास और शेष द्वितीय श्रेणी पास
- लेवल 5 श्रेणी के कर्मचारियों को जारी पास - द्वितीय श्रेणी ए पास
- लेवल 6 और इससे अधिक के कर्मचारी को जारी पास- प्रथम श्रेणी पास
- स्कूल पास प्रतिवर्ष 3 सेट देय है।
- स्कूल पास जारी करने हेतु काम से कम से कम तीन दिन की छुट्टी होनी चाहिए।
- मानार्थ पास जारी करने हेतु कर्मचारी की न्यूनतम रेल सेवा 20 वर्ष है।
- मानार्थ पास सेवानिवृत्त कर्मचारी को 2 सेट पास देय है।
- विधवा /विधुर को प्रतिवर्ष 1सेट पास देय है।
- अस्थायी स्थानांतरण होने पर न्यूनतम स्थानांतरण 180 दिनो के लिए होने पर ही कार्यग्रहण अवकाश (joining time leave) मिलेगा।
- रेल कर्मचारी को उसके आवास के स्थान से ड्यूटी करने हेतु रेल यात्रा करने के लिए आवासीय कार्ड पास जारी किया जाता है।
- स्थानांतरण होने से कर्मचारी के आवास में बदलाव की आवश्यकता नहीं होती है तो 1 दिन का कार्यग्रहण अवकाश (joining time leave) मिलेगा।
- 1000 km या इससे कम दूरी हेतु स्थानांतरण होने पर कार्यग्रहण अवकाश (joining time leave) - 10 दिन मिलेगा।
- 1000km से अधिक लेकिन 2000 km से कम दूरी हेतु स्थानांतरण होने पर कार्यग्रहण अवकाश (joining time leave)-12 दिन मिलेगा।
- 2000km या इससे अधिक की दूरी हेतु स्थानांतरण होने पर कार्यग्रहण अवकाश (joining time leave) -15 दिन मिलेगा।
- कर्मचारी द्वारा मुख्यालय से न्यूनतम कितनी दूरी की यात्रा पर यात्रा भत्ता देय(TA)है-8km
- लेवल 1 से 5 तक प्रतिदिन देय यात्रा भत्ता- 500 रुपया
- लेवल 6 से 8 तक प्रतिदिन देय यात्रा भत्ता- 800 रुपया
- लेवल 9 से 11 तक प्रतिदिन देय यात्रा भत्ता- 900 रुपया
- लेवल 12 से 13 तक प्रतिदिन देय यात्रा भत्ता- 1000 रुपया
- लेवल 14 तथा अधिक तक प्रतिदिन देय यात्रा भत्ता- 1200 रुपया
- मुख्यालय से 6 घण्टे या कम अनुपस्थिति रहने पर देय यात्रा भत्ता-30%
- मुख्यालय से 6 घण्टे से अधिक पर 12 घण्टे से कम अनुपस्थिति रहने पर देय यात्रा भत्ता-70%
- मुख्यालय से 12 घण्टे या उससे अधिक अवधि तक अनुपस्थित रहने पर देय यात्रा भत्ता-100%
- लेवल 1 और लेवल 2 के कर्मचारियों के लिए उच्च टीपीटीए शहर के लिए मंहगाई भत्ता देय है - 1350+DA
- लेवल 1 और लेवल 2 के कर्मचारियों के लिए अन्य जगह के लिए मंहगाई भत्ता देय है - 900+DA
- लेवल 3 से लेवल 8 के कर्मचारियों के लिए उच्च टीपीटीए शहर के लिए मंहगाई भत्ता देय है - 3600+DA
- लेवल 3 से लेवल 8 तक के कर्मचारियों के लिए अन्य जगह के लिए मंहगाई भत्ता देय है - 1800+DA
- लेवल 9 एवं उससे अधिक के कर्मचारियों के लिए उच्च टीपीटीए शहर के लिए मंहगाई भत्ता देय है - 7200+DA
- लेवल 9 एवं उससे अधिक के कर्मचारियों को अन्य जगह के लिए मंहगाई भत्ता देय है - 3600+DA
- मकान किराया भत्ता के दर को X,Y और Z श्रेणी में बांटा गया है।
- मकान किराया भत्ता की न्यूनतम दर X श्रेणी के लिए 5400 रूपए है।
- मकान किराया भत्ता की न्यूनतम दर को Y श्रेणी के लिए 3600 रूपए है।
- मकान किराया भत्ता की न्यूनतम दर को Z श्रेणी के लिए 1800 रूपए है।
- शिक्षा भत्ता प्रतिमाह 2250 रुपए या प्रतिवर्ष 27000 रुपए दिए हैं।
- शिक्षा भत्ता विकलांग बच्चों को दोगुनी दर से देय है।
- हॉस्टल सब्सिडी प्रतिमाह 6750 रुपए की दर से देय है।
- कर्मचारी के आवास से कम से कम 50KM या अधिक दूरी पर स्कूल/कॉलेज स्थित होना चाहिए हॉस्टल सब्सिडी के लिए।
- रेल सेवक HOER के अनुसार तय घंटो से अधिक समय तक काम करता है तो उसे वैधानिक सीमा के अंदर कार्य करने पर समयोपरि भत्ता सामान्य दर का 1.5 गुणा देय होगा और वैधानिक सीमा से अधिक समय तक काम करने पर सामान्य दर का 2 गुणा देय होगा।
- वर्दी भत्ता प्रतिवर्ष 5000 रुपए देय है स्टेशन मास्टर संवर्ग को छोड़ कर ।
- वर्दी भत्ता स्टेशन मास्टर संवर्ग प्रतिवर्ष 10000 रुपए देय है।
- नर्सिंग स्टाफ को यूनिफॉर्म भत्ता प्रतिमाह 1800 रुपए देय है।
- ट्रैकमैन, कीमैन, मेट कर्मचारी को प्रतिमाह जोखिम और कठिनाई भत्ता 2700 रुपए देय है।
- ड्रायसेल भत्ता 150 रुपए प्रतिमाह देय है।
- रात्रि भत्ता का समय 22:00 बजे से 06:00 का है।
- राष्ट्रीय अवकाश भत्ता की दर लेवल 1 और 2 कर्मचारियों के लिए - 384 रुपए है।
- राष्ट्रीय अवकाश भत्ता की दर लेवल 3 और 5 कर्मचारियों के लिए - 477 रूपए है।
- राष्ट्रीय अवकाश भत्ता की दर लेवल 6 और 8 कर्मचारियों के लिए - 630 रुपए है।
- ब्रेकडाउन ड्यूटी हेतु बुक किए जाने पर कर्मचारी को किसी भी दशा में 100% की दर से यात्रा भत्ता(TA) देय है।
- वैसे कर्मचारी जो ART & MRT के रख- रखाव करते हैं उन्हें TA के अलावा लेवल 1 के कर्मचारियों को प्रतिमाह 270 रुपए प्रति माह अतिरिक्त ब्रेक डाउन भत्ता देय है।
- वैसे कर्मचारी जो ART & MRT के रख- रखाव करते हैं उन्हें TA के अलावा लेवल 2 के कर्मचारियों को प्रतिमाह 405 रुपए प्रति माह अतिरिक्त ब्रेक डाउन भत्ता देय है।
- वैसे कर्मचारी जो ART & MRT के रख- रखाव करते हैं उन्हें TA के अलावा लेवल 3 से लेवल 5 के कर्मचारियों को प्रतिमाह 540 रुपए प्रति माह अतिरिक्त ब्रेक डाउन भत्ता देय है।
- वैसे कर्मचारी जो ART & MRT के रख- रखाव करते हैं उन्हें TA के अलावा लेवल 6 के कर्मचारियों को प्रतिमाह 675 रुपए प्रति माह अतिरिक्त ब्रेक डाउन भत्ता देय है।
- अस्पताल रोगी देखभाल भत्ता लेवल 1 से 8 तक 4100 रुपया प्रतिमाह है।
- अस्पताल रोगी देखभाल भत्ता लेवल 9 या उससे अधिक 5300 रुपया प्रतिमाह है।
- लीव इनकैशमेंट पूरे सेवाकाल में अधिकतम छह बार लिया जा सकता है।
- लीव इनकैशमेंट के लिए अवकाश खाते में कम से कम 30 दिन का अवकश(LAP) होना चाहिए।
- लीव इनकैशमेंट दो वर्ष में 1 बार देय है।
- लीव इनकैशमेंट एक बार में अधिकतम 10 दिन देय है।
- लीव इनकैशमेंट की गणना (Baisic pay + DA)/30*10 है|
- उत्पादकता के आधार पर बोनस(PLB) की गणना - मासिक वेतन*12*दिनों की संख्या/365 (वर्तमान में मासिक वेतन ₹7000)
- नर्सिंग भत्ता की दर 7200 रुपए प्रतिमाह है।
- चिकित्सकों को प्रैक्टिस बंदी भत्ता(non practice allowance) मूल वेतन का 20% देय है।
- चिकित्सकों को मिलने वाले प्रैक्टिस बंदी भत्ता(NPA) की अधिकतम सीमा मूल वेतन + NPA मिलाकर 237500 रुपए है।
- MACP(MODIFIED ASSURED CAREER PROGRESSION SCHEME) स्कीम 01 सितंबर 2008 से लागू हुई।
- MACP स्कीम का लाभ आर्गनाइज्ड ग्रुप A सर्विस को नहीं दिया जाता है।
- औसत वेतन छुट्टी या औसत अर्जित अवकाश (leave on average pay OR LAP) सभी रेल कर्मचारियों (अध्यापक संवर्ग को छोड़कर) को वर्ष में दो किश्तों में 15+15=30 दिन देय है।
- औसत वेतन छुट्टी की अधिकतम सीमा 300 +15 दिन छुट्टी खाते में है।
- औसत वेतन छुट्टी एक बार में अधिकतम 180 दिन स्वीकृत की जा सकती है।
- अर्द्ध वेतन छुट्टी (Half Leave Average pay) सभी रेल कर्मचारियों को वर्ष में दो किस्तों में 10+10=20 दिन दे है।
- अर्द्ध वेतन छुट्टी जमा करने की कोई सीमा नहीं है।
- अर्ध वेतन छुट्टी को एक बार में लिए जाने की अधिकतम सीमा 24 माह है।
- अग्रिम अवकाश या अनार्जित छुट्टी (Leave not due) सभी रेल कर्मचारियों को पूरे सेवाकाल में 360 दिन देय है।
- अग्रिम अवकाश चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर एक बार में अधिकतम 90 दिनों तक स्वीकृत की जा सकती है।
- अध्ययन छुट्टी पूरे सेवा काल में अधिकतम 24 माह देय है।
- अध्ययन छुट्टी एक बार में अधिकतम 12 माह स्वीकृत की जा सकती है।
- मातृत्व अवकाश या प्रसूति अवकाश (Maternity leave) सभी महिला रेल कर्मचारियों को जीवित दो बच्चों के लिए एक बार में /अधिकतम 180 दिन देय है।
- मातृत्व अवकाश गर्भपात की अवस्था में पूरे सेवाकाल में 45 दिन है।
- पितृत्व अवकाश (Paternity Leave) सभी पुरुष रेल कर्मदिएचारियों को जीवित दो बच्चों के लिए 15 दिन देय है।
- पितृत्व अवकाश प्रसव से 15 दिन पूर्व से प्रसव के बाद 180 दिनों के अंदर लिया जा सकता है।
- शिशु देखभाल अवकाश (Child Care Leave OR CCL) सभी महिला रेल कर्मचारियों या पुरुष रेल कर्मचारियों को single parent है को अपने दो नाबालिक बच्चों को देखभाल हेतु पूरे सेवाकाल में अधिकतम 730 दिन देय है।
- शिशु देखभाल अवकाश एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम 3 बार स्वीकृत किया जा सकता है।
- शिशु देखभाल अवकाश एक बार में कम से कम 5 दिन देय होगा।
- आकस्मिक अवकाश कार्यालय कर्मचारियों को 8 दिन देय है एवम् अन्य कर्मचारियों को 10 दिन देय है तथा दिव्यांग को अतरिक्त 4 दिन देय है।
- कर्मचारी हित निधि समतियाँ 1931 मे गठित की गई है।
- कर्मचारी कल्याण निधि के मण्डल स्तर पर सचिव मुख्य कल्याण निरीक्षक होता है और अध्यक्ष वरिष्ठ मण्डल कार्मिक अधिकारी (Sr. DPO) होता है।
- कर्मचारी कल्याण निधि मुख्यालय स्तर पर सचिव कार्मिक अधिकारी (कल्याण) और अध्यक्ष मुख्य कार्मिक अधिकारी होता है।
- कर्मचारी कल्याण निधि से दिव्यांग बच्चो को 1500 रूपये अनुग्रह राशि देय है।
- कर्मचारी कल्याण निधि से से विकलांग कर्मचारी को व्हील चेयर एवं ट्राइसाइकिल देय है।
- रेलवे चिकित्सालय मे कर्मचारी या उसके आश्रित की मृत्यु होने पर शव ले जाने पर एक मुश्त 5000 रूपये देय है और कर्मचारी की मृत्यु होने पर दाह संस्कार हेतु 10000 रूपये देय है।
- आवास का आवंटन लेवल के अनुसार निम्न है :-
लेवल1 लेवल2 से लेवल4 लेवल5 से लेवल6 लेवल7 से लेवल8 लेवल9 लेवल10 लेवल11 से लेवल17 टाईप 1 टाईप2 टाईप 3 टाईप 4 टाईप 4 टाईप 4 स्पेशल टाईप 5
- नेशनल पेंशन सिस्टम(NPS) 01 जनवरी 2004 से लागु किया गया।
- NPS, PFRDA सरकारी संस्था द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
- निजी क्षेत्र के लिए NPS लागु होने का वर्ष 2009 है।
- रेल सेवा आचरण नियम 1966 में कुल 26 नियम है।
- सेवानिवृत कर्मचारियों को चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने हेतु RELHS(Retired Employee Liberlized Health Scheme) योजना 1997 में शुरू की गई।
- अनुशासन एवं अपील नियम का प्रावधान 1968 से रेलवे में लागू किया गया।
- अनुशासनिक कार्यवाही के लिए जारी मानक फार्म(Standard Form) का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है :-
- SF 1 - निलंबन
- SF 2 - माना गया निलंबन
- SF 3 - निर्वाह भत्ते की स्वीकृति
- SF 4 - निलंबन से बहाली
- SF 5 - बड़ी शास्ति का आरोप पत्र
- SF 6 - दस्तावेजों के निरीक्षण कि अनुमति नहीं देने का आदेश
- SF 7 - जांच अधिकारी की नियुक्ति
- SF 8 - प्रस्तुति अधिकारी की नियुक्ति
- SF 9 - यह हटा दिया गया है। यह फॉर्म कारण बताओ नोटिस के रूप में लिया जाता था। इसमें 9a, 9b और 9c निर्धारित थे।
- SF 10- संयुक्त कार्यवाही के आदेश
- 10a - संयुक्त जांच में जांच अधिकारी की नियुक्ति
- 10b - संयुक्त कार्यवाही में प्रस्तुति अधिकारी की नियुक्ति
- SF 11- छोटी शास्ति हेतु आरोप पत्र
- 11a - छोटी शास्ति पर बड़ी शास्ति कि कार्यवाही
- 11b - परिशिष्ट - छोटी शास्ति में जांच करने की कार्यवाही
- 11c - बड़ी शास्ति में छोटी शास्ति कि कार्यवाही
- सेवारत कर्मचारी एक साथ अधिकतम 3 प्रकरण में, सेवानिवृत्त कर्मचारी एक साथ अधिकतम 7 प्रकरणों में और ट्रेड यूनियन का सदस्य के लिए अधिकतम की कोई सीमा नहीं बचाव सलाहकार(Defence Counsel) बन सकता है।
Question
Appendix 2a Previous year question paper(up to 2019)
BOOK KEEPING
GRP
EXPENDITURE
- Ecr previous year question
- Ecr grp
- Ecr Expenditure
- Ecr book Keeping
- GRP 2019
- CLW Expenditure 2019
- CLW Book keeping 2019
CR Previous Year question
- Book Keeping 2009 2010 2013 2014 2014 2012 2016 2017 2019
- Expenditure 2009 2010 2013 2014 2014 2015 2016 2017 2019
- GRP. 2009 2010 2012 2013 2014 2014 2016 2017
- Establishment2009 2017 2019 2019
- Traffic & Books 2009 2014 2014
- Store. 2017
PF and establishment 2009
Objective Question
- Test Your Self
- C-TARA MCQ Book English version for Hindi Version
- QUESTION BANK PREPARED BY RAILWAY BOARD Download
- ZRTI Udaipur Objective
- Sample Question Provided by Railway Board
- Objective sample
- Previous year objective question
- MCQ
- Abbreviations
- Demand for Grants
- राजभाषा
- Government Accounts
- Structure of Indian Railway accounts
- General Books And Subsidiary Books in Indian Railway
- Remittance Transaction
- Books and Budget (misc)
- Traffic Book
- Audit and inspection
- Establishment
- Estimate
- Tender
- Survey
- Contract
- Miscellaneous(Exp.)
- Workshop Accounts
- Store
- Suspense Balance
- GST
Book Keeping
Difference between
वर्किंग एक्सपेंस | वर्किंग एक्सपेंडिचर | |
---|---|---|
1. | वर्किंग एक्सपेंस कार्यालय की प्रतिदिन के खर्चों को कहते है। | वर्किग एक्सपेंडीचर फैक्टरी के खर्च को कहते है। |
2. | यह अप्रत्यक्ष खर्चे है। | यह प्रत्यक्ष खर्चे है। |
3. | यह लाभ-हानि खाते में नामे होता हैं। | यह व्यापार खाते में नामे होता है। |
शेयर | डिबेंचर | |
---|---|---|
1. | किसी कंपनी की पूंजी को बराबर-बराबर हिस्सों में विभाजित किया जाता है तथा हरेक हिस्से को शेयर कहते है। | किसी कंपनी के ऋण को कई हिस्सों में विभाजित किया जाता है तथा हरेक हिस्से को डिबेंचर अथवा ऋण पत्र कहते है। |
2. | इन पर लाभांश दिया जाता है। | इन पर ब्याज दिया जाता है। |
3. | इन पर लाभांश तभी दिया जाता है जब कम्पनी को लाभ हो। | इन पर ब्याज दिया जाना आवश्यक होता है चाहे लाभ हो या ना हो। |
4. | कम्पनी बंद होने पर इन्हें डिबेंचरो के बाद पैसा मिलता है। | कम्पनी बंद होने पर इन्हें शेयरो से पहले पैसा मिलता है। |
इकहरी लेखा प्रणाली(Single Entry System) | दोहरी लेखा प्रणाली(Double Entry System) | |
---|---|---|
1. | इसमें केवल व्यक्तिगत खाते रखे जाते है। | इसमें व्यक्तिगत खाते, वास्तविक खाते(real account), नाममात्र(nominal A/C) के खाते सभी खोले जाते है। |
2. | इसमें लेन देन के दोनों पहलुओं का लेखा नहीं किया जाता है। | इसमें लेन देन के दोनों पहलुओं का लेखा किया जाता है। |
3. | इसमें अन्तिम खातो को तैयार नहीं किया जाता है। | इसमें अन्तिम खातों को तैयार किया जाता है। |
4. | यह विधि वैज्ञानिक नहीं है। | यह विधि वैज्ञानिक है। |
तलपट या परीक्षा- सुची(Trial Balance) | तुलनपत्र या स्थिति विवरण(Balance Sheet) | |
---|---|---|
1. | इसका उद्देश्य खातों की गणितीय शुद्धता की जांच करना है। | इसका उद्देश्य व्यापार की वित्तीय स्थिति का ज्ञान प्राप्त करना है। |
2. | इसमें लाभ हानी का ज्ञान नहीं होता है। | तुलनपत्र में लिखी गई पूंजी में शुद्ध लाभ या हानि का लेखा किया जाता है। अतः इससे लाभ -हानि का ज्ञान हो सकता है। |
3. | इसके लिए अन्तिम स्टाॅक या रहतिया का मूल्यांकन जरूरी नहीं है। | इसके लिए अन्तिम स्टाॅक या रहतिए का मूल्यांकन जरूरी है। |
4. | यह खाता बही के समस्त खातों के शेष की सूची है तथा एक तरफ डेबिट तथा दूसरी तरफ क्रेडिट शेष लिखा जाता है। | इसमें एक तरफ दायित्व तथा दूसरी तरफ संपत्ति को लिखा जाता है। |
5. | इसे बनाना अनिवार्य नहीं है। | इसे बनाना अनिवार्य है। |
6. | इसे समयोजन प्रविष्टियों के पूर्व बनाया जाता है। | इस समयोजन प्रविष्टियों के बाद ही बनाया जाता है। |
7. | इसे न्यायलय में प्रमाण के रूप में नहीं मानता है। | इसे न्यायलय प्रमाण के रूप में मानता है। |
व्यक्तिगत लेखा | निजी लेखा | |
---|---|---|
1. | यह वे लेखे है जो कि व्यापारी व्यापार के लेनदारो व देनदारो के बारे में जानकारी रखने के लिए करता है। | यह व्यापारी का अपना खाता है जो व्यापार में पूंजी तथा लाभ हानि का लेखा बताता है। |
2. | हर व्यक्तिगत खाता निजी खाता नहीं होता है। | यह एक तरह का व्यक्तिगत खाता है। |
पूंजीगत व्यय(Capital Expenditure) | स्थगित लाभगत व्यय(Deferred Revenue Expenditure) | |
---|---|---|
1. | जो व्यय किसी सम्पत्ति को खरीदने में किया जाता है पूंजीगत व्यय कहलाता है। | जिस व्यय का लाभ कई वर्षों तक प्राप्त होता है उसे स्थगित लाभगत व्यय या डैफर्ड राजस्व व्यय कहते है। |
2. | इसे तुलनपत्र में दिखाते है तथा इन पर मूल्य ह्रास लगाया जाता है। | इसका लाभ प्राप्ति के अनुरूप हिस्सा लाभ हानि खाते में नामे किया जाता है तथा बाकी खर्चे को तुलनपत्र में दिखाया जाता है। |
3. | इसके उदाहरण भूमि, मशीनरी इत्यादि है। | इसके उदाहरण विज्ञापन आदि है। |
डूबते ऋण या अप्राप्य ऋण(Bad Debts) | संदिग्ध ऋण(Doubtful Debts) | |
---|---|---|
1. | ये वो डैब्टस है जो कि अप्राप्य हो चुके है तथा इनकी रिकवरी की संभावना खत्म हो चुकी है। | ये वो डैब्टस हैं जिनकी रिकवरी संश्यपुर्ण है। |
2. | इनको सीधे लाभ हानि खाते में नामे कर दिया जाता है। | इन्हें पूरा - पूरा लाभ हानि खाते में हस्तांतरित नहीं किया जाता वरण अंदाजे के अनुसार कुछ हिस्सों को नामे करते हैं। |
3. | यह तुलनपत्र में नहीं दिखाया जाता है। | इसे तुलनपत्र में देनदारो में से घटा कर दिखाया जाता है। |
पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) | आयगत व्यय या आगम व्यय या लागत व्यय (Revenue Expenditure) | |
---|---|---|
1. | पूंजीगत व्यय किसी स्थायी संपत्ति को क्रय करने अथवा इसके निर्माण करने के लिए किया जाता है। | आगम व्यय व्यवसाय के दिन - प्रतिदिन के संचालन के लिए किए जाते हैं। |
2. | पूंजीगत व्यय व्यवसाय की लाभोपार्जन क्षमता में वृद्धि करने के लिए किए जाते हैं। | आगम व्यय लाभोपार्जन क्षमता को वर्तमान स्तर तक बनाए रखने के लिए अर्थात संपत्तियों को कार्यकुशल दशा में बनाए रखने के लिए किए जाते हैं। |
3. | पूंजीगत व्ययो से प्रायः अनेक वर्षों तक लाभ प्राप्त होता रहता है। | आगम व्यय से अधिकतम एक वर्ष तक लाभ प्राप्त होता है। |
4. | पूंजीगत व्यय को स्थिति विवरण(Balance Sheet) में लिखा जाता है। | आगम व्यय को व्यापारिक खाता एवं लाभ हानि खाता में लिखा जाता है। |
5. | इस पर मूल्य ह्रास (Depreciation) लगाया जाता है। | इन पर मूल्य ह्रास नहीं लगाया जाता है। |
6. | पूंजीगत व्यय बार-बार ना होने वाली प्रकृति का होता है। | लाभगत व्यय बार-बार होने वाले प्रकृति का होता है। |
7. | ||
8. | इसके उदाहरण है - भूमि, मशीन आदि | इसके उदाहरण हैं- वेतन, विक्रम व्यय, कार्यालय व्यय आदि |
विनिमय पत्र (Bill of Exchange) | प्रतिज्ञा पत्र (Promissory note) | |
---|---|---|
1. | इसे ऋण दाता लिखता है | यह ऋणी द्वारा लिखा जाता है। |
2. | इसमें लेखक द्वारा भुगतान का आदेश दिया जाता है। | इसमें लेखक स्वयं भुगतान करने की प्रतिज्ञा करता है। |
3. | इसकी स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक होता है। | इसके स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है। |
4. | इसके तीन पक्षकार होते हैं - लेखक(Drawer), स्वीकत्तऻ(Drawee), प्राप्तकर्ता (Payee) | इसके केवल दो पक्षकार होते हैं - लेखक(Drawer or Maker) और प्राप्तकर्ता(Payee) |
5. | इसमें लेखक का भुगतान का दायित्व तभी आरंभ होता है जब स्वीकर्ता भुगतान ना करें। | इसमें लेखक का भुगतान का दायित्व सदैव बना रहता है। |
6. | मांग विनमय पत्र पर टिकट लगाने की आवश्यकता नहीं है। | इसमें प्रत्येक दशा में टिकट लगाना आवश्यक है। |
7. | इसमें लेखक इसका प्राप्तकर्ता भी बन सकता है। | इसका लेखक इसका प्राप्तकर्ता नहीं बन सकता। |
8. | इसके अप्रतिष्ठित(dishonor) होने पर इसका आलोकन(noting) करा लेना चाहिए। | इसके आलोकन(noting) की आवश्यकता नहीं होती। |
9. | स्थानीय बिल की एक तथा विदेशी बिल की तीन प्रतियॉ तैयार की जाती है। | इसमें केवल एक प्रति तैयार की जाती है चाहे यह देशी हो या विदेशी। |
ओरिजिनल इंट्री की किताब या रोजनामचा(journal) | अंतिम प्रविष्टि की पुस्तकें या खाता(ledger) | |
---|---|---|
1. | इसमें लेन- देन का संक्षिप्त ब्यौरा दिया जाता है। | इसमें ब्यौरा नहीं दिया जाता। |
2. | यह प्राथमिक बही है। | इसमें जर्नल से खैतानी(posting) की जाती है। |
3. | इसकी सहायता से अंतिम खाते नहीं बनाए जाते हैं। | इसकी सहायता से अंतिम खाते(व्यापारिक, लाभ-हानि एवं स्थिति विवरण) बनाया जाता है। |
4. | इन पुस्तकों में खाता बही का पन्ना नंबर (L.F.) लिखा जाता है। | खाता बही में जर्नल अथवा सहायक बहियों का पन्ना नंबर (J.F.) लिखा जाता है। |
5. | इन पुस्तकों की शुद्धता की जांच नहीं की जा सकती। | खाता बही के खातों की शुद्धता की जांच परीक्षा सूची (Trial Balance) बनाकर की जा सकती है। |
6. | इसमें लेन- देन को जैसे-जैसे वह होते रहते हैं तिथिवार लिखते रहते हैं। अतः इन पुस्तकों से किसी विशेष समय पर किसी विशेष खाते की स्थिति ज्ञात नहीं हो सकती। | इनमें लेन-देन को वर्गीकरण करके लिखा जाता है अर्थात एक विशेष खाते से संबंधित सभी लेन-देन खाताबही में एक ही स्थान पर होते हैं। |
7. | सभी लेन-देन की सबसे पहले प्रविष्टि इन्हीं पुस्तकों में की जाती है जैसे जर्नल, रोकड़ बही एवं अन्य बहियो में। क्योंकि लेन-देनो की प्रविष्टि सर्वप्रथम इन्हीं पुस्तकों में की जाती है अतः इन्हें प्रारंभिक प्रविष्टि की पुस्तकें भी कहते हैं। | जर्नल अथवा सहायक पुस्तकों में की गई प्रविष्टियों की बाद में खाता बही में खैतानी (posting) की जाती है। अतः इसे अंतिम प्रविष्टि की पुस्तक भी कहते हैं। |
तुलन पत्र(Balance Sheet) | लाभ हानि खाता(Profit and Loss Account) | |
---|---|---|
1. | इसमें परिसंपत्तियों तथा देयताए दिखाई जाती हैं। | इसमें आय तथा खर्चा दिखाया जाता है। |
2. | यह एक निश्चित तारीख को व्यापार की स्थिति प्रदर्शित करता है। | यह साल भर के कार्यों से प्राप्त लाभ या हानि को प्रदर्शित करता है। |
3. | तुलन पत्र खाता नहीं है। यह तो केवल एक विवरण है। | यह एक खाता है। |
4. | क्योंकि तुलन - पत्र केवल विवरण है। अतः इसमें शेषो को ले जाने के लिए इसी जर्नल प्रविष्टि की आवश्यकता नहीं होती। इन शेषो की वहां पर केवल नकल कर दी जाती है। | लाभ हानि खातों में शेषो को ले जाने के लिए जर्नल प्रविष्टि की जरूरत होती है जिसे अंतिम प्रविष्टि कहते हैं। |
5. | तुलन पत्र ऐसे शेषों की सूची है जिसको बंद नहीं किया जाता जैसे पूंजी खाता, भवन खाता आदि। | इसमें वे खाते आते हैं जिनका प्रयोग चालू वर्ष में ही कर लिया जाता है जैसे वेतन खाता, किराया खाता आदि। |
परक्राम्य पत्र(Negotiable Letter) | अपरक्राम्य पत्र(Non negotiable Letter) | |
---|---|---|
1. | यह हस्तांतरणीय होता है। | यह हस्तांतरणीय नहीं होता है। |
2. | इसमें प्राप्तकर्ता का नाम नहीं लिखा होता है। | इसमें साधारणतया प्राप्तकर्ता का नाम लिखा होता है। |
3. | इसके उदाहरण धारक चेक आदि है। | इसके उदाहरण रेखांकित चेक आदि है। |
उधार बिक्री | नकद बिक्री | |
---|---|---|
1. | इसके व्यापारी बिक्री की कीमत एक निश्चित अवधि के बाद प्राप्त करने को तैयार होता है। | इसके व्यापारी बिक्री की कीमत उसी समय प्राप्त करता है। |
2. | उधार बिक्री में व्यापारी द्वारा नकद छूट नहीं दिया जाता है। | इसमें नकद देने के लिए ग्राहकों को नकद/रोकड़ छूट देता है। |
3. | इसमें संशय पूर्ण देनदार के लिए संचय बनाया जाता है। | इसमें ऐसे संचय कि आवश्यकता नहीं होती है। |
4. |
क्रय बही | विक्रय बही | |
---|---|---|
1. | क्रय बही में उधार माल की खरीद का लेखा किया जाता है। | विक्रय बही में उधार माल की बिक्री का लेखा किया जाता है। |
2. | इसका शेष हमेशा डेबिट होता है। | इसका शेष हमेशा क्रेडिट होता है। |
3. | इसमें दूसरी पार्टी का खाता क्रेडिट किया जाता है। | इसमें दूसरी पार्टी का खाता डेबिट किया जाता है। |
4. | निश्चित अवधि के बाद इसका शेष क्रय खाता में हस्तांतरित कर दिया जाता है। | निश्चित अवधि के बाद इसका शेष विक्रय खाता में हस्तांतरित कर दिया जाता है। |
1. |
Appendix 2a
परिशिष्ट 2 परीक्षा
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